छत्तीसगढ़ में अफसरों, नेताओं और कारोबारियों के यहां 27 फरवरी से चल रही आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली पहुंचे। रविवार की शाम को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को घटनाक्रम की जानकारी दे दी है। राज्य सरकार इस पर कानून के जानकारों से चर्चा करके कार्रवाई करेगी। हमें छापे की जानकारी नहीं दी गई। यह संघीय व्यवस्था के खिलाफ है।" बघेल के बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि आयकर विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार कोर्ट जा सकती है।
इससे पहले, दोपहर में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग के छापों को राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ साजिश बताया। भूपेश बघेल शनिवार को भी सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हुए थे। लेकिन, दिल्ली में मौसम खराब हो जाने की वजह से उनकी फ्लाइट जयपुर डायवर्ट हुई थी। इसके बाद वे रायपुर लौट आए थे।
छत्तीसगढ़ में 27 फरवरी से जारी है छापामारी
आयकर ने 27 फरवरी को सुबह छत्तीसगढ़ में अफसरों, नेताओं और कारोबारियों के यहां छापे मारे थे। 13 लोगों के 32 ठिकानों पर छापे मारे गए थे। इनमें रायपुर के मेयर एजाज ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, सीए अजय सिंघवानी, होटल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा, मेयर के भाई अनवर ढेबर, डॉ. ए फरिश्ता, सीए संजय संचेती और सीए कमलेश जैन के नाम प्रमुख हैं। इन सभी लोगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नजदीकी बताया जा रहा है। इसके बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने छापों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला शुरू किया।